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किशोर गाइड
माहवारी

मासिक धर्म: पीरियड्स के लिए एक आसान गाइड

सारा के सभी दोस्तों को माहवारी होती है। वह बहुत उत्सुक है यह जानने के लिए की उसे माहवारी कब शुरू होगी। साथ ही उसके दिमाग में माहवारी को लेकर बहुत सारे सवाल हैं। आपके पास भी शायद ऐसे सवाल होंगे? अगर हाँ, तो फिर आईये, सारा और उसके दोस्तों के इस ख़ास पड़ाव और वयस्कता तक की यात्रा में शामिल होइये और अपना अनुभव बाटियें।

एक नया पीरियड

किशोर गाइड माहवारी

आज मेरा और मेरी सहेलियों का साप्ताहिक व्हाट्सएप्प कॉल हुआ। हमारी मम्मियों ने लॉकडाउन के दौरान हफ्ते में एक बार इस कॉल की अनुमति दी थी और तब से ये चालू हैं। शुक्र है!

पिया ने कॉल पर सबसे पहले यह खबर दी कि उसको माहवारी शुरू हो गयी हैं। हमारे ग्रुप में सबसे पहले माहवारी सलोनी और पिया को शुरू हुई हैं। पिया ने बताया की वो म्यूजिक क्लास में थी जब ये हुआ लेकिन वो परेशान नहीं हुई। मुझे नहीं लगता जब मेरी माहवारी शुरू होगी तब मैं इतनी शांत रह पाऊंगी!

 पीरियड्स के विषय पर यह मज़ेदार सा वीडियो ज़रूर देखना! बाकी का आर्टिकल वीडियो के नीचे !

एक नया दौर

  • किशोरावस्था के दौरान हमारे शरीर में कई बदलाव आते हैं।
  • इसमें से एक बड़ा बदलाव पीरियड या माहवारी का शुरू होना है।
  • किशोरावस्था के दौरान, हर महीने, तीन से सात दिनों के लिए माहवारी आती है।
  • माहवारी के दौरान योनि (वेजाइना) से थोड़ी मात्रा में खून आता है।
  • कुछ लड़कियों को माहवारी के दौरान पेट में मरोड़, दर्द, पिम्पल, पीठ दर्द आदि की समस्या भी होती है।
  • माहवारी की शुरुवात हर एक के लिए अलग समय पर होती है। यह आठ साल की छोटी उम्र से लेकर किशोरावस्था में काफी देरी से भी आ सकती है।
  • माहवारी के दौरान कभी-कभी चिड़चिड़ा भी महसूस हो सकता है।
  • माहवारी 50-55 साल की उम्र में ख़त्म हो जाती है। इसे मेनोपॉज़ कहते हैं।

अब मैं क्या करूँ!

  • किशोर गाइड माहवारी
    हेलो! मेरा नाम पिया है! मुझे अपने दोस्तों को पीरियड्स के बारे में बता कर मज़ा आया। सारा मेरी बात सुन कर थोड़ा नर्वस हो गई थी। उसने मुझ से बहुत सारे सवाल पूछ डाले। क्या मुझे कोई परेशानी हुई? मैंने क्या किया? मैंने किस से बात करी? स्कूल ख़त्म होने के बाद मैंने उसके सारे सवालों का जवाब आमने सामने बैठकर दिया। उसने मुझे से सैनिटरी नैपकिन के इस्तेमाल तरीका भी पूछा।

माहवारी (पीरियड) किट

  • योनि (वेजाइना) से मासिक के दौरान आने वाले खून को सोखने के लिए कई तरह के प्रोडक्ट बाज़ार में उपलब्ध हैं।
  • इसमें सबसे आम सैनिटरी नैपकिन है जो मेडिकल और जेनरल स्टोर पर उपलब्ध हैं।
  • सैनिटरी पैड अंडरवियर और जननांगों के बीच में इस तरह से रखा जाता है कि योनि (वेजाइना) का मुंह सही से ढक जाये और निकलने वाले खून को सोख सके।
  • माहवारी के दौरान सैनिटरी नैपकिन को दिन में तीन से चार बार बदलना ज़रूरी है। इस्तेमाल के बाद नैपकिन को उसके रैपर में लपेट कर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।
  • टैम्पून छोटे चॉक आकार के सोखने वाला एक प्रोडक्ट हैं जो माहवारी के खून को सोख लेता है।
  • टैम्पून को योनि (वेजाइना) के अंदर डाला जाता है और बाहर एक धागा निकला होता है ताकि उसे इस्तेमाल के बाद बाहर खींचा जा सके।
  • पैड की तरह टैम्पून को भी दिन में चार से छः बदलना पड़ता है। इन्हें इस्तेमाल करना आसान है और खिलाड़ियों के लिए सुविधाजनक समझा जाता है।
  • इस्तेमाल के बाद टैम्पून को भी रैपर में लपेट कर कूड़ेदान में डालना चाहिए।
  • पीरियड के खून को सोखने का एक तरीका मेंसट्रूअल कप है।
  • मेन्स्ट्रूअल कप रबर (सिलिकन) का बना होता हैं जिसे योनि (वेजाइना) में डाला जाता है।
  • कप पीरियड के खून को जमा करता है, सोखता नहीं है। मेंसट्रूअल कप इस्तमाल के बाद अच्छे से धो कर रखना चाहिए।
  • जब मेंसट्रूअल कप भर जाए तो उसे टॉइलट या सिंक में खाली कर साफ़ पानी से धोना चाहिए और फिर से ज़रूरत के अनुसार अंदर डालना चाहिए।
    मेंसट्रूअल कप को माहवारी (पीरियड) के शुरू और अंत में अच्छे से धो कर और उबलते पानी में दस से बीस मिनट रखकर संक्रमण रहित करना चाहिए।
  • मेन्स्ट्रूअल कप 10 साल तक चल सकते हैं और इनसे कोई कूड़ा नहीं जमा होता।

उफ़ क्या मुसीबत हैं!

  • किशोर गाइड माहवारी
    मुझे यह सुनकर अच्छा लगा कि पिया अपनी पहली माहवारी में इतनी शांत और समझदार थी। मैं तो इतना घबरा गयी थी और स्ट्रेस में आ गई थी कि कई दिनों तक घर से बाहर नहीं आई। मुझे इस बात का डर था की कही मेरे कपड़ो पर दाग लग गया या स्कूल के दौरान बहुत दर्द हुआ तो मैं क्या करुँगी। और सबसे परेशान करने वाली बात तो यह थी की मेरी दादी मुझे लगातार कहे जा रही थी कि रसोई में नहीं जाना है, अचार और पानी का बर्तन नहीं छूना है। सच में! यह किस तरह की पाबंदियां है!

आप कुछ भी कर सकते हो!

  • माहवारी महिला के शरीर की एक स्वस्थ और सामान्य प्रक्रिया है।
  • इस दौरान स्कूल जाने, खेलने या दोस्तों से मिलने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों में भाग लेने कोई परेशानी नहीं होती।
  • यह एक मिथक है कि लड़कियों/महिलाएं को माहवारी के दौरान कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए या अचार या पीने के पानी को नहीं छूना चाहिए।
  • इन बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
  • यदि आपके पास माहवारी के बारे में कोई सवाल, उलझन या किसी बात को लेकर शर्मिंदगी या डर है तो आप अपने माता-पिता, शिक्षकों या अन्य विश्वसनीय वयस्कों से बात करें।
  • आपको माहवारी के दौरान सिर्फ अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता की देखभाल करना ज़रूरी है।
  • स्वस्थ रहने के कुछ तरीके हैं जैसे नियमित रूप से स्नान करना, पैड या टैम्पून बदलना, मेंस्ट्रुअल कप खाली करना, साबुन से अच्छे से हाथ धोना, स्वस्थ भोजन खाना, हल्का व्यायाम करना और साफ कपड़े पहनना।

लेकिन तर्क क्या है?

  • किशोर गाइड माहवारी
    तो माहवारी बिलकुल सामान्य और स्वस्थ शारीरिक प्रक्रिया है। लेकिन हम में से किसी को भी यह नहीं पता की आखिर यह क्यों होता है! और वह भी हर महीने! और यह सिर्फ़ लड़कियों को ही क्यों होता है? यह तो सही नहीं है। काश कोई यह बात भी समझाए।

माहवारी क्यों होती है?

  • माहवारी का उद्देश्य एक महिला के शरीर को गर्भ धारण के लिए तैयार करना होता है।
  • किशोरावस्था के दौरान, महिला प्रजनन अंग इस क्षमता को विकसित करना शुरू करते हैं।
  • इस दौरान महिला प्रजनन प्रणाली (विशेष रूप से अंडाशय) छोटे अंडाणुओं का उत्पादन शुरू करती है।
  • ठीक उसी तरह पुरुषों में शुक्राणु बनना शुरू होते हैं।
  • जब एक अंडा शुक्राणु से मिलता है, तो भ्रूण बनता हैं जो फिर नौ महीने तक विकसित होकर एक बच्चे में बदलता है। (प्रजनन पृष्ठ पर अधिक जानकारी के लिए पढ़ें)।
  • जैसे ही किशोरावस्था आती है, शरीर के हार्मोन अंडाशय में अंडे बनाना शुरू कर देते है।
  • इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है और जो महीने में एक बार होता है।
  • जब ओव्यूलेशन होता है, तो शरीर इसे एक संकेत के रूप में लेता है और स्त्री प्रजनन अंगों में रक्त की आपूर्ति बढ़ाकर भ्रूण के निर्माण के लिए तैयारी करता हैं।
  • मगर जब अंडा शुक्राणु से नहीं मिलता, तो रक्त की इस अतिरिक्त परत की आवश्यकता गर्भाशय में नहीं होती है और यह योनि से बाहर निकल जाती है।
  • इसे हम पीरियड या माहवारी कहते हैं। यह पूरी प्रक्रिया हर महीने शरीर द्वारा दोहराई जाती है और इसे मासिक चक्र भी कहा जाता है। हालाँकि तारीखें हर महीने भिन्न हो सकती हैं।

कैलेंडर तय करें!

  • किशोर गाइड माहवारी
    इसके पीछे तो बड़ा भारी विज्ञान है। लेकिन अगर माहवारी हर महीने अलग अलग तारीख पर आएगी तो बड़ी मुश्किल होगी! अगर उस समय मेरे पास पैड ना हो या मेरी तैराकी प्रतियोगिता हो, तो मैं क्या करुँगी? अगर हर महीने पहले से ही कोई सूचना दे दें तो बड़ी मदद मिलेगी ताकि मैं तैयारी कर लूँ!

माहवारी की गिनती

आप अपनी माहवारी के चक्र (पीरियड साइकिल) को समझ सकते हो।

  • मान लें कि आपके पीरियड का पहला दिन 1 मई है।
  • लगभग 5 दिनों तक आपको मासिक धर्म होता है।
  • मानिये अगली बार माहवारी (पीरियड) 29 मई को हुई।
    1. अब पहली माहवारी (पीरियड) की तारीख से दूसरे माहवारी (पीरियड) की तारीख की संख्या की गिनती करें। गिनती 1 मई से शुरू करें।
    2. गिनती 29 दिनों की हुई।
    3. तो, इसका मतलब है कि आपका माहवारी (पीरियड) चक्र 29 दिन लंबा है।
    4. अन्य लोगों के लिए यह 21 दिन या 36 दिनों तक हो सकता है।

किशोर गाइड माहवारी

अब मुझे पता हैं

  • किशोर गाइड माहवारी
    माहवारी (पीरियड) के बारे में यह सारी जानकारी बहुत काम आएगी। अब मैं अपने माहवारी (पीरियड) के चक्र को लेकर ज़्यादा तैयार रहूंगी। सच कहूं तो अब मुझे घबराहट भी नहीं महसूस हो रही है।
  • किशोर गाइड माहवारी
    माहवारी (पीरियड) के बारे में बात करना बहुत अच्छा रहा। इस बारे में बातें साझा करने से मेरा तनाव थोड़ा कम हुआ है।

माहवारी (पीरियड) – नज़र ज़रूरी बातों पर

  • हमारे शरीर में किशोरावस्था के दौरान कई बदलाव आते हैं। बड़े बदलावों में से एक है – माहवारी (पीरियड) की शुरुआत।
  • माहवारी की शुरुवात हर एक के लिए अलग समय पर होती है।
  • यह आठ साल की उम्र से लेकर किशोरावस्था में काफी देर से भी आ सकती हैं।
  • इस अवधि के दौरान योनि (वजाइना) से निकलने वाले रक्त को सोखने के लिए या इकट्ठा करने के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है।
  • माहवारी (पीरियड) एक महिला के जीवन में एक स्वस्थ और सामान्य प्रक्रिया है और इसकी वजह से हमें स्कूल जाने, खेलने या दोस्तों से मिलने जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों में भाग लेने से नहीं रुकना चाहिए।
  • आपको माहवारी (पीरियड) के दौरान अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता की देखभाल करने की आवश्यकता है।
  • स्वस्थ रहने के कुछ तरीके हैं नियमित रूप से स्नान करना, पैड/टैम्पून बदलना, मेंस्ट्रुअल कप खाली करना, साबुन से हाथ धोना, स्वस्थ भोजन खाना, हल्का व्यायाम करना और साफ कपड़े पहनना।

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